हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को " इकबालूल अमाल" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الرضا علیہ السلام
مَنْ زارِ فيهِ مُؤْمِنا أَدْخَلَ اللّه ُ قَبْرَهُ سَبْعيِنَ نُورا وَ وَسَّعَ فى قَبْرِهِ وَ يَزُورُ قَبْرَهُ كُلَّ يَوْمٍ سَبْعُونَ أَلْفَ مَلَكٍ وَيُبَشِّرُونَهُ بِالْجَنَّةِ
हजरत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
जो भी इस दिस (ईदे ग़दीर) के दिन किसी मोमिन की ज़ियारतऔर मुलाकात करें तो अल्लाह तआला उसकी कब्र में 70 नूर दाखिल करेगा, और हर दिन 70हज़ार फरिश्ते इसकी कब्र की ज़ियारत करते हैं।
और इसे जन्नत की बशारत और खुशखबरी सुनाते हैं।
इकबालूल अमाल:778